शनिवार, 16 मार्च 2013

जय श्री श्याम


थाली भरकर लायी रे खीचड़ो, ऊपर घी की बाटकी,
जीमो म्हारा श्याम धणी,जीमावे बेटी जाट की!!
बाबो म्हारो गाव गयो है, ना जाने कद आवेगों ,
उंके भरोसे बैठ्यो रह्यो तो भूको ही रह जावेगो!!
आक जिमाऊ तन्ने रे खीचड़ो, कल राबड़ी घाट की ,
जीमो म्हारा श्याम धणी,जीमावे बेटी जाट की!!
बार-बार मंदिर ने जड़ती, बार-बार में खोलती,
कैयआ कोणी जम्मे रे मोहन, करडी करडी बोलती ,
तू जिमेगो जड़ मैं जिम्मु मान्नु ना कोई लाट की,
जीमो म्हारा श्याम धणी,जीमावे बेटी जाट की!!
पर्दों भूल गयी सांवरिया, पर्दों फेर लगायो है,
घाबलिया की ओट बैठकर, श्याम खीचड़ो खायो है,
भोला ढाला भक्ता के घर, संवारियो कैयआ आट की
जीमो म्हारा श्याम धणी,जीमावे बेटी जाट की!!
भक्ति हो तो कर्मा जैसी, संवारियो घर आवेलो,
'सोहनलाल लोहाकार' प्रभु का हर्ष-हर्ष गुण गवेलो,
साचो प्रेम प्रभु में तो मूरत बोले काठ की,
जीमो म्हारा श्याम धणी,जीमावे बेटी जाट की!!

जय श्री श्याम

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शुक्रवार, 8 मार्च 2013

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरन्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते


अर्थ :- नारायणी तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करनेवाली मंगलमयी हो, कल्याणदायिनी शिवा हो, सब पुरुषार्थो को सिद्ध करनेवाली, शरणागतवत्सला, तीन नेत्रोंवाली एवं गौरी हो। हे माँ दुर्गा आपके श्री चरणों में नमस्कार है
!! ♥ जय माँ अंबे गौरी ♥ !!